मध्य जीवन और उसके बाद, महिलाओं और पुरुषों को ऐसे परिवर्तनों का अनुभव होता है जो उनके स्वयं के और भागीदारों के यौन स्वास्थ्य और संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं । कई उम्रदराज व्यक्तियों में यौन संबंधी समस्याएं एवं संक्रमण भी भी हो सकते हैं।
रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हार्मोन एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से यौन एवं अन्य शारीरिक समस्याएं भी देखी गई हैं।
मेनोपॉज सिंड्रोम (माहवारी का बंद होना/रजोनिवृति) लगभग 50% महिलाओं को प्रभावित करता है। रजोनिवृत्ति के बाद यौन इच्छा की कमी, अन्य शारीरिक तकलीफें और यौन संबंधों के दौरान दर्द शामिल हैं। कुछ महिलाएं एण्ड्रोजन अपर्याप्तता सिंड्रोम (कम टेस्टोस्टेरोन) विकसित करती हैं, जो कामेच्छा की कमी और चिडचिडेपन का कारण बन सकती हैं।
मध्य जीवन और उसके बाद, पुरुषों को आमतौर पर टेस्टोस्टेरोन के स्तर में धीरे-धीरे गिरावट का अनुभव होता है, जिसे कभी-कभी एंड्रोपॉज़ कहा जाता है।
सभी पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी नहीं होती है और सामान्य से कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर वाले सभी पुरुषों में यौन समस्याओं के लक्षण नहीं मिलते हैं, फिर भी एक उम्र के बाद सेक्स हार्मोन्स एवं रक्त परीक्षण करवाना नितांत आवश्यक है ।
टेस्टोस्टेरोन एवं अन्य हार्मोन की कमी से शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन हो सकते हैं जो पुरुषों के स्वास्थ्य और अंतरंग संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें मुख्य – लिंग में तनाव की कमी (इरेक्टाइल डिस्फंक्शन), यौन इच्छा की कमी,और स्खलन संबंधी समस्याएं शामिल हैं।
पुरुष एवं महिलाओं की यौन समस्याएं अपने साथी के वैवाहिक संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं और संबंधों में खटास/कटुता ला सकती हैं । ऐसी नौबत न आने पाए इसके लिए इंदौर शहर में देश विदेशों से प्रशिक्षित यौन समस्याएं विशेषज्ञों से पूर्णत: वैज्ञानिक निदान एवं उपचार के लिए संपर्क करें ।