कैंसर के लिए उन्नत उपचार के तौर-तरीकों के आने से कैंसर रोगियों की जीवित रहने की दर में वृद्धि हुई है, जिससे मरीज में दीर्घायु होने के आसार बढ़ गये हैं । कई प्रकार के कैंसर धीरे-धीरे पुरानी बीमारी में विकसित हुए हैं, और जनता की उम्र में बढ़ोतरी होने के साथ, कैंसर से बचे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
अधिकांश कैंसर रोगियों में यौन रोग की संभावना बन जाती है, विशेष रूप से स्त्री रोग और मूत्र संबंधी कैंसर वाले मरीजों में ।
कैंसर से बचे लोग उपचार के दौरान या बाद में यौन रोग से‌ ग्रसित होने की शिकायत करते हैं जिसका एक कारण तो बीमारी स्वयं और दूसरा कीमों/ रेडियो थेरेथी के साईड इफेक्ट्स।
एक अच्छी तरह से काम करने वाली यौन प्रतिक्रिया के लिए स्वस्थ और ठीक से काम करने वाले अंतःस्रावी, संचार और तंत्रिका तंत्र का एक सेट अनिवार्य है।
कैंसर और इसके उपचार से जुड़े कई कारक इन‌ तंत्रों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कैंसर के दौरान या उपचार के बाद रोगियों के कामकाज के स्तर में और उनके साथी के साथ अंतरंगता और स्वस्थ यौन जीवन बनाए रखने की उनकी क्षमता में गिरावट देखी गई है ।
यद्यपि कैंसर रोगियों में यौन समस्याएं काफ़ी जल्दी घर कर जाती हैं और उनके जीवन के इस पहलू पर बहुत कम चिकित्सकों ध्यान दिया जाता है।
इसके अलावा, रोगियों को आमतौर पर न तो कैंसर उपचार से विकसित होने वाली यौन कठिनाइयों के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल पाती है और न ही यौन कठिनाइयों के विकसित होने पर संभावित उपचारों के बारे में। अधिक जानकारी के लिए इंदौर के सर्वश्रेष्ठ एवं अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट से सलाह लें , क्यों कि किसी भी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ यौन संबंधों के साथ जीने का अधिकार रखता है